विस्मयादिबोधक (Interjections) का अर्थ

विस्मयादिबोधक (Interjections) का अर्थ

स्वतगत है आप सभी मित्रों का हमारी वैबसाइट भाषा Grammar पर और आज हम सीखेंगे विस्मयादिबोधक (Interjections) का अर्थ क्या है।

निम्नलिखित वाक्यों को ध्यान पूर्वक पढिए और काले (मोटे) शब्दों के प्रयोग पर ध्यान दीजिए।

  • हाय ! मेरी तो दुनिया ही लूट गई।
  • अरे ! आप आ गए।
  • छि: ! ऐसे आदमी के तो नाम से भी मुझे घृणा है।
  • वाह! तुमसे ऐसी ही आशा थी।
  • बाप-रे-बाप ! इनता भीषण भूकंप!
विस्मयादिबोधक (Interjections)
विस्मयादिबोधक (Interjections) 

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उपर्युक्त वाक्यों में 'हाय', 'अरे', 'छि', 'वाह', तथा 'बाप-रे-बाप' शब्द क्रमश: शोक, आश्चर्य, घृणा, हर्ष तथा भय के भावों को प्रकट कर रहे हैं। ये सभी विस्मयादिबोधक (Interjections) हैं।
जो शब्द घृणा, विस्मय, शोक, हर्ष, भय आदि भावों का बोध कराते अहीन, उन्हे विस्मयादिबोधक (Interjections)  कहा जाता है। विस्मयादिबोधक (Interjections) शब्द निम्नलिखित होते हैं:
  • शोकबोधक - हाय, हाय-हाय, हे राम, ओह आदि।
  • विस्मय - (आश्चर्य) - बोधक - अरे, क्या, सच, ओह, एं आदि
  • भयबोधक - बाप रे, बाप-रे-बाप आदि।
  • घृनाबोधक - छि: छि:-छि:, धत, धिक आदि
  • हर्षबोधक - अहा, शाबाश, धन्य-धन्य, वाह-वाह आदि
  • संबोधनबोधक - ओ, अरे, रे, अरी, अजी, आदि।
  • स्वीकारबोधक -  अच्छा, बहुत अच्छा, ठीक, हाँ आदि।
  • आशीर्वादबोधक - जियो, जय हो, आदि।
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Hari Mohan
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